Happiness खुशिया सबको आज इस आधुनिक जगत मे चाहिये …..क्या आप खुश है ? खुश हू – यह दिखावा तो नही कर रहे है ? किसीभी वस्तू परिस्तिथी ,व्यक्ती या भवन का पैमाना उसका मुल होता है – संतुलन . आप खुश है अगर आप शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत और मन शांत है – तो , यह योगशास्त्र कहता है – यह मुल है | हमारे शरीर मे बिमारी आ जाए तो आयुर्वेद मे वात- पित्त- कफ के आधार पर यह देखना होता है की इसका मुल क्या है – यह व्यक्ती वात प्रवृक्ती का है या पित्त और कफ प्रकृती है, और उसके आधार पर उसे वेरीफाई करके अपने शरीर मे जो असंतुलीत तत्व बढा या कम हुआ है – उसे आयुर्वेद के इस मुल तत्व से संपूर्णतः शरीर संतुलित करनेका सिद्धांत दिया गया है | यह 100 % कारगर है – और कार्य करता है | प्रकृती (निसर्ग) के संतुलन का मुल है पंचतत्व –(5 Elements ) यह जैसे वातावरण मे मौजूद है – ठीक वैसेही अपने शरीर मे पंचप्राण मौजूद है – तत्व के रूप मे – और जो बाहर है –वही अंदर भी है | निसर्ग मे मौजूद पृथ्वीतत्व (Earth) आकाशतत्व- (Space) ,जलतत्व (Water), वायुतत्व (Air), और अग्नीतत्व (Fire), यह सभी संतुलित मात्रा मे अगर है तो सब ठिकठाक रहेगा! – लेकीन किसी कारणवश –(Imbalance) हो रहा है तो इसका नकारात्मक परिणाम हमे किसिना किसी नुकसान के रूप मे दिखाई देता है – और वह तबतक रहता है, जबतक उसे ठीक ना किया जाये |
सुदर्शन वास्तूशास्त्र सेंटर मे हजारो केस स्टडी से यह पाया है | हमारे शास्त्र मे हमारे सर्वागीण विकास के लिए वास्तुशास्त्र का उल्लेख किया है | हमारा भवन हो , कार्यस्थल हो या फैक्ट्री , हॉस्पिटल , ऑफिस अगर इममे वास्तुदोष है (पंचतत्वों का असंतुलन ) बना हुआ है – जो किसी भी रूप में पंचतत्वोका मेटल ,कलर ,नकारात्मक जलस्त्रोत्र (गलत जगह पर ) या जमीन के अंदर तैयार जियोपेथीक स्ट्रेस , T point Activity ) यह इसके मुख्य कारण है | असंतुलित भवन मे (अर्थाजन ) पैसे का नुकसान , हेल्थ – आरोग्य की समस्या , विचारोमे अस्पष्टता होना , सामाजिक संपर्क मे कमी आना , Fire – पैसे की गती कम होना , मानप्रतिष्ठा (Name and Frame ) का न मिलना , खर्च अधिक होना , संबन्धो मे स्थिरता ना होना , बचत ना होना (Saving ) बिजनेस में प्रॉंफिट न होना (Losses) डिप्रेशन का अनुभव और अपनो से सपोर्ट ना मिलना या Love , Afear मे फंस जाना , नई opportunity प्राप्त न होना इस प्रकारके समस्या का सामना करना पड सकता है | लेकिन इसके विपरीत पंचतत्वोंसे संतुलित भवन हमे सुख – शांन्ति धन और आरोग्य प्रधान करता है |
वास्तुपुरुष मंडल मे कार्यरत यह उर्जा देवता , मां भूदेवी की अशिर्वाद से सभी मनोकामना पूर्ण करने मे सहाय्यक होते है | वास्तुशास्त्र के संतुलन के साथ -साथ कर्मोका संतुलन जरुरी है | मित्रो अगर कर्म सही नही है – इसमे गडबडी की तो इसका रिजल्ट उसी प्रकार होता है – जैसे अगर कोई हायवे पर गलत दिशा से गाडी चलाने पर होता है |……. तिसरा और आखरी संतुलन है –प्रारब्ध संतुलन – हमारे भूतकाल मे घटीत घटनाओ या पत्री अनुसार दिखाई दे रही समस्याओ को हम पूर्णतः समाप्त नही कर सकते परंतु उसका उपाय अच्छे वास्तुशास्त्री , ज्योतीशशास्त्री योग गुरु की सलाह लेकर अनुभव के आधार पर उसका प्रभाव निश्चित कम कर सकते है |
बस यही है संतुलन –मुल को ठीक कर , हम इस प्रकार वास्तू संतुलन – शरीर मन संतुलन – कर्म संतुलन के द्वारा हम अपने समस्याओ को दूर करके खुशियो का आनंद अपने परिवार के साथ जीवन मे ले सकते है भविष्य मे आने वाले समस्यओसे हम बच सकते है और इस प्रकार हम श्रेष्ठ जीवन जी सकते है | “वसुधैव कुटुंबकम” सारा विश्व एक कुटुंम्ब , सुदर्शन वास्तू के साथ -आओ साथ चले |
सुदर्शन वास्तू फाउंडेशन फाउंडर वास्तुशास्त्री डॉ. गोपाल ढोमणे जी एक वास्तुशास्त्री , ज्योतीशशास्त्री और योगगुरू भी है – जो पिछले २० वर्ष अध्ययन से इस सभी शास्त्रो का मार्गदर्शन शास्त्रिय वैज्ञानिक आधार पर देते है |
Author: Vastushastri-Achary Gopal Dhomne
Mr.Gopal Dhomne’s dream is to solve people’s problems with this “astrology” technological boon. Providing Solutions for Vastu defects with itunes for reconstruction Expert in providing best building plans to balance 5 Elements & 16 Directions in India. He is highly expert in predicting the present situation in your field. Provide Vastu Solutions for Business/office/industries Vastu defects are corrected based on “Factories at Right PlaceMr.Gopal dhomne is focused on the activation and balance of energy in industries, houses, and companies, without any major systemic reform.