जानिए राशि रत्नों तथा कुंडली अनुसार उनके सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव

पन्ना- व्यापार या नौकरी में उन्नति के लिए भी इस रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है।
बुध की राशि मिथुन एवम कन्या राशि वालों के लिए पन्ना पहनने का परामर्श दिया जाता है।
ज्योतिष विज्ञान के मतानुसार यदि किसी जातक की कुंडली में बुध की महादशा चल रही है और बुध 8वें या 12वें भाव में स्थित है तो भी पन्ना धारण करने से परेशानी उत्पन्न हो सकती है।

मोती- इस रत्न को धारण करने से मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। मन की अस्थिरता को को संतुलन मिलता है।चंद्र की राशि कर्क एवम गुरु की राशि मीन राशि वालों के लिए मोती पहनने का परामर्श दिया जाता है। ज्योतिषी के मतानुसार यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्र 12वें या 10वें घर में है तो मोती नहीं पहनना चाहिए।

मूंगा – मूंगा रत्न धारण करने से साहस और आत्मविश्वास बड़ता है।आर्मी,डॉक्टर, पुलिस,
प्रॉपर्टी का काम करने वाले या हथियार निर्माण करने वाले,आदि लोगों को मूंगा रत्न धारण करने से विशेष लाभ मिलता है।मंगल की राशि मेष एवम वृश्‍चिक राशि वालों के लिए मूंगा धारण करने का परामर्श दिया जाता है।किन्तु जातक को एक बात ध्यान में रखना आवश्यक है बिना परामर्श के यदि इसे धारण किया जाता है तो इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकता है।

हीरा- इस रत्न को धारण करने से यश,सौंदर्य,और मान प्रतिष्ठा की प्राप्त होती है।ज्योतिषि मतानुसार
शुक्र की राशि वृषभ एवम तुला वाले जातकों के लिए हीरा पहनने का परामर्श दिया जाता है। ज्योतिष विद्या के अनुसार तीसरे, पांचवें एवम आठवें स्थान पर शुक्र हो तो हीरा नहीं पहनना चाहिए।

नीलम- यह रत्न व्यक्ति में दूरदृष्टि,कार्यकुशलता एवम ज्ञान में वृद्धि करता है।ऐसा माना जाता है के यह रत्न प्रसिद्धि का कारक होता है।शनि की राशि कुंभ एवम मकर राशि वाले जातकों के लिए नीलम रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।ज्योतिषी में इस रत्न को बहुत ही शक्तिशाली माना गया है।शनि लग्न, 5वें या 11वें जगह पर हो तो नीलम धारण करना उचित नहीं है।

माणिक- माणिक्य रत्न से राजकीय तथा प्रशासनिक कार्यों में सफलता मिलती है। ज्योतिषी अनुसार सूर्य की राशि एवम सिंह राशि वालों के लिए माणिक धारण करने का परामर्श दिया जाता है। किन्तु ध्यान रहे यह रत्न धारण करने से पूर्व जातक को अपनी कुंडली ज्योतिषी को दिखा कर सलाह लेनी चाहिए कई बार इस रत्न के ग़लत संयोग से अपयश भी झेलना पड़ सकता है या पारिवारिक समस्याएं बड़ सकती है।

पुखराज – पुखराज रत्न पहनने का मूल उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य, धन लाभ, आयुष और मान प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। ऐसा भी कहा जाता है जिन कन्याओं के विवाह में परेशानियां आ रही है उनके लिए पुखराज लाभकारी हो सकता है।लेकिन पहनने से पूर्व ध्यान अवश्य दिया जाए किसी ज्योतिष से परामर्श के बाद ही इसका उपयोग किया जाए।
गोमेद- गोमेद रत्न पहनने से व्यक्ति की नेतृत्व क्षमता मे वृद्धि होती है।ऐसा माना जाता है कि दोषपूर्ण राहु के लिए भी गोमेद पहना जाता है। ज्योतिष विद्या के अनुसार राहु 12वें, 11वें, 5वें, 8वें या 9वें स्थान पर हो तो गोमेद पहनना उचित नहीं होता। कई बार दोषयुक्त गोमेद से नुकसान होने लगते है या स्वास्थ्य में हानि भी हो सकती है।

लहसुनिया- कार्य एवं व्यापार मे बढ़ोतरी के लिए यह रत्न फायदेमंद होता है। ऐसा माना जाता है के केतु के लिए लहसुनिया धारण किया जाता है। ज्योतिषी मतानुसार कुंडली के तीसरे एवम छठे भाव में केतु है तो लहसुनिया पहनना सही फल नहीं देगा।

Author: Vastushastri-Achary Gopal Dhomne

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